Saturday 7 May 2016

ऐप के जरिये कॉलिंग पर रोक लगाए डॉट

Dot appवॉट्सऐप, वीचैट जैसे ऐप के जरिये होने वाली मुफ्त कॉल को रोकने के लिए दूरसंचार विभाग (डॉट) कदम उठाए। मोबाइल ऑपरेटरों के संगठन सीओएआइ ने डॉट से यह मांग की है। ऐप आधारित मुफ्त कॉलिंग के बढ़ते इस्तेमाल से देश की दूरसंचार कंपनियां परेशान हैं।
इससे अरबों रुपये खर्च कर स्पेक्ट्रम ख्ररीदने वाले मोबाइल ऑपरेटरों को तगड़ी चपत लग रही है। ऑपरेटर भले परेशान हों, मगर ऐप का इस्तेमाल करने वाले खुश हैं।
सेलुलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआइ) के महानिदेशक राजन एस मैथ्यूज ने इस संबंध में दूरसंचार सचिव जेएस दीपक को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि ये ऐप्लीकेशन इंटरनेट कॉल को नेटवर्कों से कनेक्ट करने के लिए मोबाइल और लैंडलाइन फोन के लिए आवंटित नंबरों का इस्तेमाल करते हैं।
ऐसा करना इंटरकनेक्शन नियमों का उल्लंघन है। इसकी वजह से कॉल जिस ऑपरेटर के नेटवर्क पर टर्मिनेट होती है, उसे नुकसान उठाना पड़ता है। साथ ही सरकारी खजाने को भी चूना लगता है।
मैथ्यूज के मुताबिक, "इसलिए हम डॉट से अनुरोध करते हैं कि वह कॉल की ऐसी गैरकानूनी राउटिंग को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए। इसके लिए दूरसंचार विभाग सभी संबंधित लाइसेंसधारियों को निर्देश दे कि वे इंटरकनेक्टिंग लिंक्स का दुरुपयोग करके इंटरनेट टेलीफोन कॉल टर्मिनेट न करें।"
सीओएआइ ने बीएसएनएल की फिक्स्ड मोबाइल कन्वर्जेंस (एफएमसी) सर्विस के खिलाफ भी ऐसे ही पत्र लिखे हैं। सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल ने भी हाल ही में ऐसी ही एक ऐप आधारित कॉलिंग सेवा देने का एलान किया है।
सीओएआइ के बैनर तले जीएसएम तकनीकी वाली भारती एयरटेल, आइडिया, वोडाफोन, टेलीनॉर, रिलायंस जियो जैसी कंपनियां आती हैं। अलबत्ता जियो इस मामले में अलग राय रखती है।

No comments:

Post a Comment